Hampi was the capital of the Vijayanagara Empire in the 14th century.Chronicles left by Persian and European travellers, particularly the Portuguese, say that Hampi was a prosperous, wealthy and grand city near the Tungabhadra River, with numerous temples, farms and trading markets. By 1500 CE, Hampi-Vijayanagara was the world's second-largest medieval-era city after Beijing, and probably India's richest at that time, attracting traders from Persia and Portugal.
The Vijayanagara Empire was defeated by a coalition of Muslim sultanates; its capital was conquered, pillaged and destroyed by sultanate armies in 1565, after which Hampi remained in ruins.
Located in Karnataka near the modern-era city of Hosapete, Hampi's ruins are spread over 4,100 hectares (16 sq mi) and it has been described by UNESCO as an "austere, grandiose site" of more than 1,600 surviving remains of the last great Hindu kingdom in South India that includes "forts, riverside features, royal and sacred complexes, temples, shrines, pillared halls, mandapas, memorial structures, water structures and others".
Hampi predates the Vijayanagara Empire, it is mentioned in the Ramayana and the Puranas of Hinduism as Pampaa Devi Tirtha Kshetra.
Hampi continues to be an important religious centre, housing the Virupaksha Temple, an active Adi Shankara-linked monastery and various monuments belonging to the old city.
हम्पी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब हम्पी (पम्पा से निकला हुआ) नाम से जाना जाता है और अब केवल खंडहरों के रूप में ही अवशेष है। इन्हें देखने से प्रतीत होता है कि किसी समय में यहाँ एक समृद्धशाली सभ्यता निवास करती होगी। भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित यह नगर यूनेस्को के विश्व के विरासत स्थलों में शामिल किया गया है।
हर साल यहाँ हज़ारों की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते हैं। हम्पी का विशाल फैलाव गोल चट्टानों के टीलों में विस्तृत है। घाटियों और टीलों के बीच पाँच सौ से भी अधिक स्मारक चिह्न हैं। इनमें मंदिर, महल, तहख़ाने, जल-खंडहर, पुराने बाज़ार, शाही मंडप, गढ़, चबूतरे, राजकोष.... आदि असंख्य इमारतें हैं।
हम्पी में विठाला मंदिर परिसर निःसंदेह सबसे शानदार स्मारकों में से एक है। इसके मुख्य हॉल में लगे ५६ स्तंभों को थपथपाने पर उनमें से संगीत लहरियाँ निकलती हैं। हॉल के पूर्वी हिस्से में प्रसिद्ध शिला-रथ है जो वास्तव में पत्थर के पहियों से चलता था। हम्पी में ऐसे अनेक आश्चर्य हैं, जैसे यहाँ के राजाओं को अनाज, सोने और रुपयों से तौला जाता था और उसे गरीब लोगों में बाँट दिया जाता था।
रानियों के लिए बने स्नानागार मेहराबदार गलियारों, झरोखेदार छज्जों और कमल के आकार के फव्वारों से सुसज्जित होते थे। इसके अलावा कमल महल और जनानखाना भी ऐसे आश्चयों में शामिल हैं। एक सुंदर दो-मंजिला स्थान जिसके मार्ग ज्यामितीय ढँग से बने हैं और धूप और हवा लेने के लिए किसी फूल की पत्तियों की तरह बने हैं। यहाँ हाथी-खाने के प्रवेश-द्वार और गुंबद मेहराबदार बने हुए हैं और शहर के शाही प्रवेश-द्वार पर हजारा राम मंदिर बना हैl
हम्पी आंध्र प्रदेश राज्य की सीमा के पास मध्य कर्नाटक के पूर्वी हिस्से में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है। यह बैंगलोर से ३७६ किलोमीटर (२३४ मील), हैदराबाद से ३८५ किलोमीटर (२३९ मील) और बेलगाम से २६६ किलोमीटर (१६५ मील) दूर स्थित है।[3] यहाँ का निकटतम रेलवे स्टेशन होसापेट (होस्पेट) में है, जो लगभग १३ किलोमीटर (८.१ मील) दूर है। सर्दियों के दौरान, बसें और रेलें हम्पी को गोवा, सिकंदराबाद और बैंगलोर से जोड़ती हैं। यह बादामी और ऐहोल पुरातात्विक स्थलों से १४० किलोमीटर (८७ मील) दूर दक्षिण-पूर्व में है।
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